Wednesday, January 8, 2014

इस आंधी की भी औकात देखेंगे लोकलुभावन तमाम जुगत देखेंगे

इस आंधी  की भी औकात देखेंगे
लोकलुभावन तमाम जुगत देखेंगे

पलाश विश्वास
आज का संवाद
इस आंधी  की भी औकात देखेंगे
लोकलुभावन तमाम जुगत देखेंगे

यह आंधी वैश्विक है और बहुआयामी है। मौसमचक्र जिस तेजी से बदलने लगा है और मुक्त बाजार से विकसित विश्व को जिस तेजी से अपने शिकंजे में कस रहा है,संसाधनों की खुली लूट और प्रकृति और मनुष्यता के ध्वंस पर आधारित इस विश्व व्यवस्था का प्रतिरोध अनिवार्य है मनुष्यता और प्रकृति सह पृथ्वी के अस्तित्व के लिए।


भारत में मौसम चक्र की यह अभूतपूर्व आंधी फिर धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद की अंध सुनामी में तब्दील है।हिंदू राष्ट्र के एकाधिकारवादी आक्रमण के खिलाफ आप के उत्थान के बाद नमोमय भारत का निर्माण स्थगित होने लगा तो इस हद तक बौखला गया यह अंध धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद कि कारपोरेट कायाकल्प के खिलाफ ही हमलावर हो गया।


कश्मीर ही नहीं,पूरा देश बजरिये दिल्ली अमेरिकी उपनिवेश है।


हिंदुत्व के लिए जिहादी बन रहे लोगों को अचानक बाबा रामदेव के अर्थशास्त्री बन जाने से कुछ खतरा महसूस नहीं हो रहा है,इससे भयानक अंध राष्ट्रवादी अमावस्या का इतिहास इस देश में नहीं है।


बैंक लेन देन पर टैक्स लगाकर बाकी सारे करों में छूट का ऐलान करके आप के समर्थन में खड़े बाजार और कारपोरेट जगत को मुकम्मल टैक्स होलीडे का गाजर पेश कर दिया है संघ परिवार ने।


एकतरफ खास आदमियों की एनजीओ कारपोरेट गठबंधन का आप तो दूसरी ओर समर्थ असमर्थ सबपर एक जैसा टैक्स।अब तक सालाना लाखों की टैक्स छूट का महाघोटाला था। विदेशी निवेश की आड़ में कालाधन का कारोबार था।महाबलि टैक्सचोर के नये अर्थशास्त्र के मुताबिक अब सत्ता वर्ग को चाकचौबंद टैक्समाफी देने की पूरी तैयारी है।सांप्रदायिकता का फासीवादी खतरे से बड़ा यह आर्थिक अश्वमेध  आयोजन है। अब इस बहुमंजिली आंधी से कैसे बचेंगे,इस पर सोचना बेहद जरुरी है।


अब इस देश में लोकतंत्र और तकनीकी पारमाणविक मिसाइली विकास का आलम यह कि याद करें कि कुछ समय पहले एक साधू बाबा के सपने के आधार पर देसे के सारे पूरा तत्वविद,इतिहासकार और भारत सरकार मिलकर जमीन के नीचे दबे हजारों टन सोने से वित्तीय घाटा पाटने का नायाब प्रयोग कर रहे थे। अब हाल यह है कि मीडिया और देश के तमाम अर्थशास्त्री बाबा रामदेव के गणित योग के माद्यम से टैक्समुक्त हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं।


कड़ाके की सर्दी भारत में भी है।जिनके लिए सर छुपाने की छत नहीं,सारा जहां अपना है,जो जल जंगल जमीन रोजगार और नागरिकता से बेदखल है,मौसम की मार वे समझ ही रहे होंगे।लेकिन वातानुकूलित भारत में इस वैश्विक आंधी के मुकाबले कोई आपदा प्रबंधन नहीं है।हिमालयी जलसुनामी की यह दूसरी किश्त है और उसकी चपेट में महज डूब में शामिल हिमालय नहीं,बल्कि यह पूरा डूब देश है। शूतुरमुर्ग प्रजातियों का यह स्वर्णकाल है लेकिन इस सर्द वैश्विक आंधी की आंच आपको चुनाव निपट जाने के बाद किसी भी तरह के जनादेश और किसी भी रंग के सत्ता समीकरण में महसूस जरूर होगी।कारपोरेट तंत्र और बाजार को रिझाने की यह संघी मुद्रा ने रंग दिखाया तो जश्न  महफिल और रंगीन होगी।


मैं भी माननीय रवीश कुमार जी की तरह कोई अर्थशास्त्री नहीं हूं।लेकिन फिर भी हम अर्थतंत्र पर लिखने को मजबूर हैं क्योंक बहुसंख्य भारतीयों के हक हकूक की लड़ाई में अर्थशास्त्री सत्तावर्ग के साथ हैं तो मीडिया भी कारपोरेट राज के लिए एढ़ी चोटी का जोर ला रहे हैं।मीडिया का एकतरफा भयादोहन वाला आधार अभियान से समझ जाइये। अस्पृश्य भूगोल के विरुद्ध कारपोरेट सैन्य जायनवादी धर्मोन्मादी राष्ट्र के अविराम युद्ध को न्यायोचित ठहराने क लिए अंध राष्ट्रवाद की सुनामी खड़ा करने में भारतीय मीडिया का कोई सानी नहीं है। राष्ट्रीय एकता और अखंडता का नारा उछालकर धर्मोन्मादी अंध राष्ट्रवाद का आवाहन अंततः वंचितों और बहिस्कृतों का वध स्थल अनंत बना देता है राष्ट्र को ।1958 से कश्मीर और पूर्वोत्तर में लागू सशस्त्र सैन्यबल विशेषाधिकार कानून हो या सेना और पुलिस को दमन और उत्पीड़न के कानूनी रक्षाकवच का मामला हो या  सलवा जुड़ुम और रंग बिरंगे सैन्य अभियानों के जरिेए जल जंगल जमीन आजीविका नागरिकता, जान माल से बेदखली के लिए पूरे मध्यभारत,गोंडवाना और दंडकारण्य समेत समस्त आदिवासी इलाकों में अबाध नरसंहार कार्यक्रम या अमेरिकी युद्धक अर्थव्यवस्था के जायनवादी एकाधिकारवादी हित साधने के लिए पारमाणविक, रासायनिक, जैविकी, अंतरिक्षी महाविनाश के कार्यक्रम,या प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट और अमेरिकी कंपनियों और निवेशकों के बाजार के विस्तार के लिए अमेरिका और इजराइल की अगुवाई में आतंक के विरुद्ध युद्ध में भारत की साझेदारी से पूरे दक्षिण एशिया को युद्धस्तल बना देने का मानवाधिकारहनन, या नाटो और सीआईए की प्रिज्म ड्रोन तांत्रिक असंवैधानिक डिजिटल बायोमेट्रिक रोबोटिक खुफिया निगरानी के जरिये भारतीय नागरिकों की गोपनीयता और निजता को भंग करने का मामला,सबकुछ इस अंध धर्मोन्माद के लिए जायज है।


बहुजन बहुसंख्य मूक भारतीयों को रंग बिरंगे झंडे के मातहत गुलाम बनाये रखने की राजनीति इस आर्थिक नरसंहार का सबसे कारगर माध्यम है क्योंकि भारतीय कृषि.उत्पादन प्रणाली के विदेशी हित में निरंकुश ध्वंस के अश्वमेध यज्ञ में ्लग अलग अस्मिताओं में बंटे भारतीय कृषि समाज के तमाम समुदाय और वर्ग इसी अंध धर्मन्माद की पैदल सेनाएं हैं। बहुजन राजनीति आरक्षण केंद्रित है जिससे कृषि समाज की समस्याएं संबोधित नहीं होती।हर साल हजारों किसानों की आत्महत्या और लाखों किसानों की बेदखली, कृषि निर्भर पर्यावरण की तबाही के बावजूद बहुजन बहुसंख्य जनगण बदले हुए राष्ट्र ,बदले हुए सामाज और बदली हुई अर्थव्यवस्था के तमाम अनिवार्य मुद्दों और सूचनाओं से बेखबर हैं।


विडंबना यह है कि यह जनसंहार अभियान आर्थिक सुधार के नाम जारी है बहुजन राजनीति के सिपाहसालारों के बिना शर्त समर्थन से। पहाड़ों में आबादी का पलायन भयावह है।सारे जनपद डूब में हैं और प्राकृतिक आपदाएं मानवनिर्मित। रोजगार के सारे अवसरों से लोग वंचित हैं। लेकिनवहां संघ परिवार का हिंदुत्व सबसे प्रचलित मुद्रा है। आप के उत्थान के बाद हिमाचल और उत्तराखंड के जुझारु लोग जिस तेजी से इस नये लोकलुभावन तंत्र की मृगमरीचिका में दाखिल हो रहे हैं,वह कतई हैरत अंगेज नहीं है।भारत सरकार एक के बाद एक लोकलुभावन अधिकार और लोकलुभावन सामाजिक योजनाएं चालू करके सत्ता के गणित साध रही हैं।तो दूसरी राज्य सरकारें भी आप को रेप्लिकेट कर रहे हैं। बाजार पूरी तरह विनियंत्रित हैं और सरकारे ं कारपोरेट राज के शिकंजे में हैं।कारपोरेट नीति निर्धारम है। भूमि सुधार की मांग सिरे से गायब है। संविधान अब भी लागू नहीं हुआ और रोज संविधान बदला जा रहा है।कारपोरेट लाबिइंग से कारपोरेट राजनीति सर्वदलीय सहमति के तहत एक के बाद एक कानून बदल रही है,जबकि दर हकीकत में कानून का राज सिर्फ सत्ता वर्ग के लिए है। सुप्रीम कोर्ट के ादेशों की अवहेलना होती है।कारपोरेट कंपनियों के इशारे पर जरुरी सेवाओं के दाम बढ़ाये जा रहे हैं।तेल गैस उव्रक दवाओं की कीमतें बढ़ रही है।शिक्षा और चिकित्सा से आम लोग बेदखल है । कारपोरेट जगत के लोग अब राजनीति में हैं और तमाम बेशकीमती मंत्रालयों का कामकाज उन्हीं के इशारे पर चलते हैं। जबकि भारतीय जनगण बिजली सड़क पानी जैसी नागरिक सुविधाओं की मांगें लेकर कारपोरेट एनजीओ तूफान में शामिल हैं।परिवर्तन के लिए।जिसमें भ्रष्टाचार एकमात्र मु्द्दा है,कारपोरेट भर्ष्टाचार और हर क्षेत्र में अबाध पूंजी, निजीकरण ,विनिवेश कोई मुद्दा है ही नहीं।


दुकानें सजी हैं।शापिंग माल सजे हैं। बहुजन भागेदारी की संभावनाएं बढ़ गयी हैं इस विध्वंस के लिए।सत्ता में वापसी के लिए बहन मायावती को जंबो तोहफा देकर दलित वोट बैंक कब्जाने की कांग्रेस की रणनीति है तो आप के जरिेए धर्मोन्मादी सुनामी रोकने की तैारी भी है।जबकि तीनों पक्ष बराबर धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद के झंडेवरदार है।ईश्वर और आध्यात्म,कर्मफलसिद्धांत के बिना केजरीवाल का कोई बयान आया हो तो बतायें।


संग परिवार को मालूम है कि बिना कारपोरेट समर्थन जनादेश हासिल नहीं होना है। इसलिए समूचे करारोपण व्यवस्था को बदलकर पूंजी को टैक्स होलीडे का यह विमर्श है। कांग्रेस या आप या तीसरा कोई कारपोरेट विकल्प को संघ परिवार के इस एजंडे पर अमल करके ही सत्ता के द्वार  पर दस्तक जारी रखना है।यह सबसे बड़ा खतरा है।दो दशकों की उदारीकरणगाथा यही है,आर्थिक विध्वंस की निरंतरता,जो अब कयामत बनकर बरसने वाली है आम जनता पर सरकार चाहे किसी की है।बाजार और कारपोरेट जगत को कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार किसकी होगी।उसकी सौदेबाजी से ही जनादेश बनेगा।विडंबना यह है कि भारतीय जन गण को भी इस कारपोरेट जनादेश से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।सुनामियों में तो उन्हीं की लाशें सड़नी गलनी हैं।


A deep freeze spread from the US Midwest to the East and South, setting record low temperatures from Boston to Birmingham, and leaving 21 people dead, authorities said.

The Midwest and the East experienced temperatures colder than much of Antarctica.

In a phenomenon that forecasters said is actually not all that unusual, all 50 states saw freezing temperatures at some point today. That included Hawaii, where it was -8 Celsius atop Mauna Kea, a dormant volcano.


The big chill started in the Midwest over the weekend, and by Tuesday, it covered about half of the country. In New York City, the high was expected to be -12 Celsius; in Boston, around -8 Celsius.


Across the South, records were shattered like icicles. Birmingham, Alabama, dipped to a low of -14 Celsius, breaking the record of -11.7 Celsius set in 1970.


Atlanta saw a record low of -14.5 Celsius. Nashville, Tennessee, got down to -16.7 Celsius, and Little Rock, Arkansas, fell to -13 Celsius. It was just -17 Celsius at Washington Dulles International airport, eclipsing the 1988 mark of -13 Celsius.

The deep freeze dragged on in the Midwest as well, with he thermometer reaching -24 Celsius overnight in the Chicago area and -25.5 Celsius in suburban St Louis.

More than 500 passengers were stranded overnight on three Chicago-bound trains that were stopped by blowing and drifting snow in Illinois. Food ran low, but the heat stayed on.


The cold turned deadly as authorities reported at least 21 cold-related deaths across the country since Sunday, including seven in Illinois, and six in Indiana.


Abolishing income tax and other levies and replacing them with some other suitable form of revenue is feasible and desirable, say experts, although some believe that such a move would militate against social equity.


Describing the concept as "aspirational", Ficci President Sidharth Birla said: "If the steps proposed enhance revenue by roadening and broad basing the tax payer base and help improve transparency of regulatory framework, we will tend to welcome these aspects."


The radical proposal, which is being talked about by the BJP, relates to abolition of all direct and indirect taxes for individuals as well as corporates in favour of a nominal banking transaction tax.


The proposal, Birla said, would involve hard arithmetic as the revenue losses would have to be recovered from other sources while stressing that India needs a stable, equitable and a friendly tax regime.


President of industry body PHDCCI Sharad Jaipuria said: "The personal income tax should be reduced or abolished with alternate sources. I believe, government has the potential to generate revenue from other sources which are unexplored yet".


While pointing out implementation of the tax proposal is within the realm of possibility, some experts also opined that it has the potential to deal with menace of blackmoney.


"...it may reduce corruption and collusion with the Government agencies. It may remove the tax burden from individual as well as corporate taxpayers. The taxpayers will also not indulge into practices like falsification of accounts, money laundering and other illegal ways of tax evasion," said Girish Vanvari, Co-Head of Tax, KPMG in India.

He said, however, that a comprehensive and holistic analysis is required before going for such a drastic reform.


Another leading global tax consultant PwC India, however, expressed apprehensions saying that abolition of income tax would be against the progressive system of revenue collection.



  1. News for transaction tax

  2. The Hindu

    1. BJP for single transaction tax to check leakages

    2. Hindustan Times ‎- 16 hours ago

    3. Top BJP leaders have been thinking about a proposal to abolish income, sales and excise taxes and replace them with a tax on every ...

    4. Banking on tax reforms

    5. Financial Express‎ - 1 day ago

    6. Congress mocks Modi over promise to reform taxation system

    7. Zee News‎ - 21 hours ago


The Economic Times

2 hours ago

Ridiculous for banks to charge for withdrawals at own ATMs: RBI Deputy Governor. Tell us your views. http://ow.ly/sne9S

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NDTV

Yesterday

BJP considers abolishing income tax: can it work?http://ndtv.in/19XnhIF

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Palash Biswas

We must condemn the fascist zionist attacks against fundamental right to freedom of expression.Kashmir is an integral part of India and every Indian citizen has every right to express his opinion on government`s repressive measures there which violates human rights..Nay body may differ from Mr Prashant Bhushan.It is a democracy.But the attack against AAP is very very dangerous and it this incident showcases the danger of the Hindu Rashrta which formulates Tax Holiday for the Black Money and Capital.We do not support AAP or Mr Kejriwal and my stance remains unchanged.But we stand united with AAP for its leaders to express their opinon and their right to govern as an elected government.BJP relates to abolition of all direct and indirect taxes in favour of a nominal banking transaction tax. Express


Abolishing income tax and other levies and replacing them with some other suitable form of revenue is feasible and desirable, say experts, although some believe that such a move would militate against social equity.

Describing the concept as "aspirational", Ficci President Sidharth Birla said: "If the steps proposed enhance revenue by roadening and broad basing the tax payer base and help improve transparency of regulatory framework, we will tend to welcome these aspects."

The radical proposal, which is being talked about by the BJP, relates to abolition of all direct and indirect taxes for individuals as well as corporates in favour of a nominal banking transaction tax.

The proposal, Birla said, would involve hard arithmetic as the revenue losses would have to be recovered from other sources while stressing that India needs a stable, equitable and a friendly tax regime.

President of industry body PHDCCI Sharad Jaipuria said: "The personal income tax should be reduced or abolished with alternate sources. I believe, government has the potential to generate revenue from other sources which are unexplored yet".

While pointing out implementation of the tax proposal is within the realm of possibility, some experts also opined that it has the potential to deal with menace of blackmoney.

"...it may reduce corruption and collusion with the Government agencies. It may remove the tax burden from individual as well as corporate taxpayers. The taxpayers will also not indulge into practices like falsification of accounts, money laundering and other illegal ways of tax evasion," said Girish Vanvari, Co-Head of Tax, KPMG in India.

He said, however, that a comprehensive and holistic analysis is required before going for such a drastic reform.

Another leading global tax consultant PwC India, however, expressed apprehensions saying that abolition of income tax would be against the progressive system of revenue collection.


Ashok Kumar Pandey

हम हिंदी के लेखक आप के दफ्तर पर दक्षिणपंथी ताकतों के हमले का कडा विरोध करते हैं और राजनीति में संघ गिरोह द्वारा गुंडागर्दी को मूल्य की तरह स्थापित किये जाने की कोशिशों का पुरजोर विरोध करते हैं। दिल्ली एवं केंद्र शासन से हमारी मांग है कि इन लोगों को अविलम्ब कार्यवाही करते हुए तुरत गिरफ्तार किया जाए और उचित कानूनी सजा दिलाई जाय।


हरजिंदर सिंह लाल्टू

गिरिराज किराडू

आदित्य प्रकाश

अशोक कुमार पाण्डेय

कुलदीप अंजुम

कुमार अनुपम

शशि प्रकाश

रूपाली सिन्हा

फ़िरोज़ खान


(मित्र कमेन्ट के रूप में समर्थन दर्ज कराएँ, नाम जुड़ते जायेंगे)

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  • You, Mohan Shrotriya, Ajit Rai, Arun Dev and 95 others like this.

  • 13 of 106

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  • Amar Nadeem फासीवाद के बूटों की आहट है ये . मेरा भी कड़ा विरोध दर्ज हो .

  • 18 minutes ago · Like

  • Himanshu Pandya समर्थन ।

  • 18 minutes ago via mobile · Like

  • Anupam Pandey Lekhak nahi hun phir bhi ghatna Nindaniya hai

  • 17 minutes ago via mobile · Like

  • Rituparna Mudra Rakshasa पूर्ण समर्थन...

  • 15 minutes ago via mobile · Like

  • Saurabh Rathore i support !

  • 14 minutes ago · Like

  • Sandep Aisa दक्षिणपंथ मुर्दाबाद।

  • 12 minutes ago via mobile · Like

  • Palash Biswas गरज नाम दर्ज कराने की नहीं है,जो फाशी वादी ांधी ट्रैंनजेक्शन टैक्स के नाम पर स‌मूचे पूंजीवर्ग को टैक्समुक्त करके भारत को निरंकुश वधस्थल में तब्दील करके हिंदू राष्ट्र बानाने की तैयारी में है,उसके ्शनिसंकेत के मुहाने जनप&धर ताकतों स‌ आपसी गृहयुद्ध भूल एकजुटता की अपली करते हैं हम।अभी हम खामोश रहे तो इस गैस चैंबर स‌े निकलने का फिर कोी मौका न मिलेगा।न देश बचेगा ौर न लोकतंत्र।धर्म रहेगा लेकिन न कश्मीर रहेगा ौर न कन्याकुमारी।देश को तोड़ने वाले इस कारपोरेट धर्मोन्माद के खिलाफ हर देशभक्त को खड़ा होना ही चाहिए।

  • 5 minutes ago · Like

  • Sanjay Parate register my support

  • 5 minutes ago via mobile · Like

  • Sunil Yadav फासीवाद कि चरम स्थिति है यह .....

  • 4 minutes ago · Like

  • अमित शर्मा और जिस गुण्डई का समर्थन आप सभी लोग कर रहें हैं, मैं उसका विरोध करता हूँ । विलय संधि और संसद में पारित प्रस्ताव के विरुद्ध किस सौजन्यता से कश्मीर पर भ्रम फैलाया जा रहाहै ?

  • 2 minutes ago via mobile · Like

  • Alok Ranjan निंदनीय । कानूनी कारवाई करने में देरी नहीं करनी चाहिए AAP को।

  • about a minute ago · Like

  • Sawajraj Sodha सहमत है, इस घटना का सख्त विरोध करता हूँ ।

  • about a minute ago via mobile · Like

  • Palash Biswas हिंदी के लेखक स‌्वभाव स‌े तमाशबीन है।नाम छथपने कीगरजड के अलावा स‌ामाजिक स‌रोकार का अता पता नहीं है।महान स‌ंपादक गण बेमतलब के मुद्दे उखाड़ते हैं और केमाबंद तरीके स‌े चाय की प्याली में तूपान खड़ा हो जाता है। लेकिन असल मुद्दे पर अखंड खामोशी हरै।आप के जरिये राजनीति के कारपोरेट कायाकल्प और एनजीओ करने का हम पुरजोर विरोध करते हैं।लेकिन आप स‌े ज्यादा खतरनाक है स‌ंघपरिवाकर का धर्मोन्मादी यह फासिस्टजायनवादी धर्मोन्मादी अंध राष्ट्रभक्त बाहुबल,जो लोकतांत्रिक धर्मनिरपे& बहुविध स‌माज और राष्ट्र को तहस नहस करने पर तुला है।पर्रशांत भूषण या किसी नागरिक के कहे के मुताबिक आप और केजरीवाल के खिलाफ यह हमला आने वाले दिनों के लिए स‌बसे बड़ा प्राकृतिक प्रकृति विरोदी विपर्यय है।इस ांधी में शुतुरमुर्गों की पहचान भी दर्ज हो ही जानी चाहिए।

  • a few seconds ago · Like

Uday Prakash

ये ' हिन्दू रक्षा दल ' क्या है ? क्या कश्मीर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं , 'हिंदुओं ' की गुलाम कॉलोनी (उपनिवेश) है ?

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  • Ashutosh Kumar, Ajit Rai, Dilip Khan and 120 others like this.

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  • View 12 more comments

  • अवनीश कुमार बात कश्मीर की नहीं है, बात भिन्न मत वालों के साथ आचरण की है

  • 2 hours ago · Like · 2

  • Sanjiv Singh जो हुआ बहत दुखद है ... पुलिस क्या करवाई कर रही है पता नहीं ... ऐसे अपराधी लोगों का जब नाम और जिस गाड़ी में बैठ कर आए थे सब पता है तो पकड़ कर इनका ईलाज अभी तक तो हो जाना चहिये था ... और हाँ उज्जवल दा क्या कहा आपने क्रांति होने वाली है ... देश में कम्युनिस्ट पार्टी बहुमत में आ रही है ... १९४२ ई० में ही आपकी पोल खुल चुकी है ... बहुत ठण्ड है चार पैग लगाइये और लम्बी तान कर सो जाइये ...

  • about an hour ago · Edited · Like · 1

  • Uday Prakash haa ...haa ...!

  • about an hour ago · Like

  • Ujjwal Bhattacharya अरे बाप ! संजीव जी, अगर आपको डरावने सपने आ रहे हैं तो ज़रूरी नहीं कि आप हमें भी डरावें.

  • 50 minutes ago · Like

  • Rajesh Tyagi ये खतरे में पड़े भगवा हिंदुत्व को बीजनाश से बचाने के लिए बना है!

  • 12 minutes ago via mobile · Like

  • Palash Biswas स‌िर्फ कश्मीर नहीं,उदय प्रकाश जी पूरा भारत दिल्ली के धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद का उपनिवेश है।

  • a few seconds ago · Like

Palash Biswas पूरा भारत उपनिवेश है।

a few seconds ago · Like

कौशांबी में आप के मुख्यालय पर हमला, क्या प्रशांत भूषण की हत्या करना चाहते थे हमलावर

गाजियाबाद/दिल्ली। हिंदू धर्म पर बहुत बारी संकट आ गया है और हिंदू रक्षक अब एक-एक से निपट लेंगे! कथित हिंदू धर्म की रक्षा के लिए आम आदमी पार्टी के दफ्तर पर हमला हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी हिंदू रक्षा सेना ने आप के दफ्तर पर प्रशांत भूषण के बयान से नाराज होकर हमला किया है। मीडिया में हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने हमले की बात कबूल की है। बताया जाता है कि हमलावर 30 से 40 की संख्या में थे। दफ्तर पर ईंट व पत्थर से हमला किया गया।

आम आदमी पार्टी (आप) नेता प्रशांत भूषण के कश्मीर पर दिए गए बयान के विरोध में लगभग 40 लोगों ने बुधवार को गाजियाबाद स्थित पार्टी मुख्यालय पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हमलावर आप के कौशांबी स्थित मुख्यालय में जबरन घुस आए और इसकी खिड़कियों के शीशे व फूलदान को तोड़ दिया और आप नेताओं को अपशब्द कहा। हमलावर हिंदूवादी संगठन रक्षा दल के सदस्य थे और वे यहां लगभग 20 मिनट तक मौजूद रहे और निकलने से पहले आप नेताओं पर भविष्य में भी हमला करने की धमकी दी। आप कार्यकर्ता दिलीप पांडे ने कहा, "हमले के वक्त हमारे सभी स्वयंसेवियों को कार्यालय के अंदर आने की सलाह दी गई।" उन्होंने बताया कि हमलावर किसी खास समुदाय के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। क्या यह हमला कश्मीर घाटी में सेना की तैनाती पर भूषण के बयान के विरोध में किया गया था, इसके जवाब में पांडे ने कहा, "यह संभव हो सकता है।" हमलावरों की उम्र 20 से 40 साल के बीच थी और वे चार से पांच कार से आए थे। कौशांबी स्थित आप का कार्यालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी आवास से थोड़ी दूरी पर स्थित है।

उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यालय पर हुए हमले की निंदा की और यह सवाल उठाया कि क्या हमलावरों की मंशा उनके सहयोगी प्रशांत भूषण की हत्या करना था। केजरीवाल ने यहाँ मीडिया से कहा, "क्या वे भूषण को मारना चाहते थे? क्या यही उनका मकसद था? क्या वे मुझ पर और भूषण पर हमला करना चाहते थे? वे क्या चाहते थे?"

मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर में सेना की तैनाती पर भूषण के दिए गए बयान पर खुद भूषण और पार्टी ने स्पष्टीकरण दिया है। केजरीवाल ने कहा कि हमलावर उन पर या भूषण पर हमला करने के लिए मुक्त हैं, अगर उन्हें लगता है कि वे कश्मीर की समस्या का हल निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन हिंसा किसी राष्ट्रीय समस्या का हल नहीं करती है।"

केजरीवाल ने कहा कि हिंदूओं के भगवान राम ऐसी कोई सेना नहीं बनाते, जो आप के कार्यालय पर हमला करने जैसी हरकतें करते। उन्होंने खुद को हिंदू करार देते हुए कहा कि वह हमलावरों से अपील करते हैं कि वे राम के सिद्धांतों का पालन करें। केजरीवाल ने कहा कि आप इसका बदला नहीं लेगी। उन्होंने कहा, "हमारी बदला लेने की मंशा नहीं है।"

आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने कहा है कि ये हमला बीजेपी के इशारे पर हुआ है।

वरिष्ठ पत्रकार विवेक दत्त मथुरिया ने कहा है- भगवा ब्रिगेड के लोगों द्वारा गाजियाबाद स्थिति आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर जो तोड़-फोड़ की है वह उन्माद की राजनीति करने वालों की हताशा को दर्शा रहा है, यह भारतीय संविधान और लोकतंत्र के प्रति घोर अनास्था का प्रतीक है। ऐसे हताश लोगों को दुनिया के तानाशाहों के अंत की कहानी जरूर पढ़नी चाहिए। सब लोग प्रेम और शांति के साथ रचनात्मक बदलाव के हामीदार हैं। यही अपने देश की विलक्षणता रही है। ऐसे लोगों के मंसूबे जनता ने कभी परवान नहीं चढ़ने दिए। वे इस सबक को हर बार भूल जाते हैं….

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धमेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है हालांकि कुछ हमलावरों की पहचान कर ली गयी है। इनमें कुछ गाजियाबाद के निवासी हैं जिनकी गाड़ियों के नंबर दर्ज कर लिये गए हैं। हमलावरों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जायेगी।

हिंदी के कई लेखकों ने सामूहिक वक्व्य जारी कर आप के दफ्तर पर दक्षिणपंथी ताकतों के हमले का कड़ा विरोध किया है और राजनीति में संघ गिरोह द्वारा गुंडागर्दी को मूल्य की तरह स्थापित किये जाने की कोशिशों का पुरजोर विरोध किया है। दिल्ली/उत्तर प्रदेश एवं केंद्र शासन से लेखकों ने मांग की है कि इन लोगों को अविलम्ब कार्यवाही करते हुए तुरत गिरफ्तार किया जाए और उचित कानूनी सजा दिलाई जाय।

Kashmir remark fallout: AAP office in Kaushambi vandalised; Bhushan blames BJP

Express News Service : New Delhi, Wed Jan 08 2014, 15:43 hrs

Activist-turned-politician Arvind Kejriwal's Aam Aadmi Party headquarters in Kaushambi was reportedly vandalised by unidentified people on Wednesday.

A group of 50-60 attacked the Kaushambi office of AAP in Ghaziabad with bricks and stones on Wednesday morning to protest against party leader Prashant Bhushan's Kashmir remarks.

Prashant Bhushan blamed the BJP and RSS affiliated organisations for the attack on the party office, saying they were "extremely frustrated with the rise of AAP".

"This incident shows extreme frustration on the part of BJP, RSS and its affiliated organisations with the phenomenal rise of AAP. They are afraid of AAP and fear that it will damage their prospect in the Lok Sabha elections," he told reporters.

It was learnt that unidentified people carrying bricks and banners of 'Hindu Raksha Dal' attacked the office. Police said that no one was injured in the attack.

AAP spokesperson Dilip Pandey said, "Some youths, who are said to belong to Hindu Raksha Dal, gathered outside the party office and raised slogans against AAP. They also broke flower pots placed outside the party office".

SSP Dharmendra Singh said, "We have identified some people. There were some residents of Ghaziabad and the numbers of their cars have been noted. Action against them will be initiated soon."

>He said there was no security at the party office but policemen have now been deployed there and at Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal's residence which is just a kilometre away.

Prashant Bhushan in an interview had said that the people of Kashmir should have a say in the deployment of troops in the Valley. However, AAP had distanced itself from the remark, saying it did not believe in holding a referendum on security issues, and that the activist-lawyer had been quoted out of context.

Indian Express

NDTV

6 hours ago

Just in- #AAP office near Arvind #Kejriwal's Ghaziabad home vandalised http://ndtv.in/1gD2snU

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NDTV

15 minutes ago

As riots victims suffer, big #Bollywood night planned at Akhilesh Yadav's village http://ndtv.in/1cADJyG

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Kiran Tripathi

आम आदमी पार्टी के कार्यालय पर हुए हमले की कड़ी निन्दा की जानी चाहिए और इस हमले में संलिप्त अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जानी चाहिए । देश में एक स्वच्छ लोकतांत्रिक परंपरा बनाए रखने की राह में बाधा डाल रही इस प्रकार की ताकतों को समय रहते रोका जाना बहुत जरूरी है।

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NDTV

January 6

'Referendum on army in #Kashmir': Arvind #Kejriwal disagrees with Prashant Bhushan's comment http://ndtv.in/KsUe6q

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Aam Aadmi Party

about an hour ago

CCTV video footage of 'Hindu Raksha Dal' attack on #AAP office

The CCTV video footage of 'Hindu Raksha Dal' attack on #AAP office in Kaushambi. This footage very clearly shows that the attackers had come well armed and the attack was pre-planned. — with Akhil Chandran and Shyam Kumar V Janardhanan.

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  • Palash Biswas Palash Biswas

  • We must condemn the fascist zionist attacks against fundamental right to freedom of expression.Kashmir is an integral part of India and every Indian citizen has every right to express his opinion on government`s repressive measures there which violates human rights..Nay body may differ from Mr Prashant Bhushan.It is a democracy.But the attack against AAP is very very dangerous and it this incident showcases the danger of the Hindu Rashrta which formulates Tax Holiday for the Black Money and Capital.We do not support AAP or Mr Kejriwal and my stance remains unchanged.But we stand united with AAP for its leaders to express their opinon and their right to govern as an elected government.

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  • Mahalakshmi Parthasarathy AAP- in solidarity/ ///i hope those hooligans are questioned properly to get to the bottom of this conspiracy and the big names unmasked...

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  • Rajeev Sharma कल कश्मीर में आतंकवाद से लड़ते हुए तीन पुलिस वाले शहीद हो गये है

  • कोई आरएसएस, बीजेपी, कांग्रेस वाला या गुप्ता या मिश्रा जैसा नहीं।

  • ………… तीनो मुस्लमान थे। मेरा दिल से आखिरी सलाम उनको ,

  • पिछले 6 दिनों में आप के दफ्तर पर हमला करने वालों को सलाह; अगर हिंदुत्व दिखने का बोहोत शोक लगा है तो कश्मीर में आपकी बोहोत जरुरत है अपनी जवानी का जोश दुश्मनो को दिखाओ तो देश और धर्म दोनों के लिए अच्छा होगा!!!

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Aam Aadmi Party

4 hours ago

Aam Aadmi Party's office in Kaushambi attacked by workers of the 'Hindu Raksha Dal'. A group of 30 to 40 people attacked the party office in Kaushambi.


"We managed to get all the volunteers inside the office in the nick of time. The attackers were hurling abuses, threw bricks at the office and attacked our members with sticks. They damaged the office and broke window panes," said a volunteer present at the office.


The Hindu Rakshak Sena claimed responsibility for the attack...See More — with Vivek Kumar and 9 others.

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Surendra Grover via KaliKant Jha

इन मामलों में सभी आरोपी अगर निर्दोष थे, तो आखिर दोषी कौन है? जब नरसंहार में हत्याए हुई तो कोई-ना-कोई तो हत्यारा होगा. इतने वर्षो में पुलिस हत्यारों तक क्यों नहीं पहुंच पाई? वैज्ञानिक अनुसंधान का दावा करने वाली पुलिस पर्याप्त साक्ष्य क्यों नहीं जुटा पाई?

नरसंहार का गुनाहगार कौन…मीडिया दरबार « मीडिया दरबार

mediadarbar.com

-कालीकान्त झा|| पिछले दो साल में लगातार पांच ऐसे फैसले आये है जब सबूत के अभाव में नरसंहार के आरोपियों को पटना उच्च न्यायालय द्वारा बरी किया गया है. पिछल

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  • बे- शर्म पोलिस वो ही करती है जो करवाया जाता है

  • 5 hours ago via mobile · Like · 1

  • Gulshan Kumar अगर कोई दोषी नहीं है तो क्या वो दोषी थे जिनकी हत्याएं हो गयी ? मतलब उन्होंने आत्महत्या कर ली ? क्या ये माना जाना चाहिए ?

  • 5 hours ago · Like · 1

Satya Narayan shared Ajay Swamy's photo.

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Satya Narayan

http://ucde-mu.blogspot.in/2014/01/silent-protest-against-unjust.html

University Community for Democracy and Equality: Silent protest against the unjust suspension of...

ucde-mu.blogspot.com

http://ucde-mu.blogspot.in/2014/01/silent-protest-against-unjust.html

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Jagadishwar Chaturvedi shared Rare Photographs of Rare People's photo.

From left…Sultana Zafri, Ismat Chugtai, Vishwamittra Aadil, Ali Sardar Zafri, Krishan Chander, Mahendranath, Mumtaz Hussain, Rajender Singh Bedi and in front Sahir Ludhianvi..and Habib Tanvir…at Shivaji Park 1946. (picture and caption taken from Manjula Negi's book Ismat Chughtai..A fearless)

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Abhinav Sinha and Satya Narayan shared a link.

Delhi workers' Charter: दिल्ली के मज़दूरों के 'मजदूर माँगपत्रक आन्दोलन' के प्रचार का पहला दिन

delhiworkerscharter.blogspot.com

पहली बार दिल्ली में किसी सरकार या मुख्यमन्त्री ने मज़दूरों से कुछ ठोस वायदे किये हैं। लेकिन ये सभी वायदे अपने आप पूरे नहीं हो जायेंगे। हम मज़दूरों को हमसे किये गये वायदों की याददिहानी करानी होगी। क्योंकि बिना जन-दबाव के शायद ही दिल्ली सरकार ये वायदे पूरे करे। सरकार ये वायदे पूरे करके हम पर कोई अहसान...

Satya Narayan shared Abhinav Sinha's photo.

Some pics of the ongoing demonstration against the unjust suspension of Prof. Neeraj Hatekar at Kalina Campus, Mumbai University.

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Sudha Raje

हम कठोर निन्दा करते हैं "आआपा "

के कार्यालय पर हमले की

यह घृणित और निन्दनीय है

किसी सभ्य समाज में ऐसे बर्बर व्यवहार की गुंज़ाईश नही है ‪#‎AAPसमर्थक‬ हों या विरोधी बातचीत का ज़वाब बातचीत से ही होना चाहिये बातचीत अगर खराब है तो न्यायपालिका चैनल है ।

shame

©®सुधा राजे

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  • Sudha Raje and 3 others like this.

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  • Sudha Raje बलात्कारी और आतंकवादी और दहशत गर्द अराजक हुल्लङबाज़ को कोई क्यों धरम से जोङना? क्या अस्सी करोङ हिंदू उन हमलावरों के समर्थक हैं??? ऐसे लोग क्या जनमत संग्रह करके हमला करते है?? क्या हर अपराधी हमलावर धर्म से पहचाना जायेगा???

  • 44 minutes ago via mobile · Like

  • Sudha Raje Sudha Rajeहिंदू नहीं गुण्डे मवाली कहेंजो किसी बात का समाधार मारपीटतोङफोङ समझते हैं वे केवल गुण्डेमवाली और आतताई होते हैं । वैष्णव जनतो तैणे कहिये जे पीर पराई जाणै र

  • 42 minutes ago via mobile · Like

  • Sudha Raje Sudha Rajeबिलकुल कोई भी ग्रुप या संगठन हम जैसेकरोङो लोगो का ठेकेदार वैसे ही नहीं हैजैसे किसी आम मुसलिम का ठेकेदार नहीं हैकोई जेहादी ग्रुप ।।।हम जैसेलाखों लोग किसी परिषद या संघया ग्रुप के ना मेंबर हैं ना कोईसहानुभूति ।।।किंतु जिस धर्म में जन्मलिया है वह हमारी चॉयसनहीं आस्था और संस्कार है और चाहे वे दसहों या दस लाख उनको हम जैसे असंबद्धलोगों के प्रतिनिधि होने का हक़नहीं

  • 24 minutes ago via mobile · Like

  • Sudha Raje Sudha Rajeकोई बैनर लगाकर पहुँच जाये कि आलइंडिया मुसलिम या आल इंडिया हिंदूया आल इंडिया फलां ढिमका तो वह केवलअपने ही हुजूम की बाग डोर कर सकता हैघोषित ।।आल इंडिया में करोङों लोग हैजो ऐसे किसी हमलावर को ना जानते हैंना सहानुभूति रखते है ना समर्थन करते हैबल्कि माँग करते हैं कि ऐसे हमलावरों परसमुचित प्रक्रिया सेकानूनी काररवाही की जाये और सवालपूछा जाये कि उनको किसने हक़ दिया हमजैसे करोङों असंबद्ध लोगों केप्रतिनिधि होने का?

  • 22 minutes ago via mobile · Like

Bsp West Bengal and 3 other friends were tagged in Mayawati'sphoto.

बहुजन समाज पार्टी संस्थापक मान्यवर काशीराम जी सन अप्रैल १९७७ में जब दिल्ली के करोलबाग में रहकर मान्यवर कांशीरामजी डॉ. बाबासाहब आंबेडकर जी के मिशन को आगे बढ़ा रहे थे तब उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय की एक २१ वर्षीय छात्रा के डॉ. आंबेडकर के आंदोलन पर दिये हुए भाषण ने बहुत ही प्रभावित किया. अनुसूचित जाति के अधिकारों व सम्मान की लड़ाई की सोच वाली एक ऐसी युवा थी जिसे मान्यवर कांशीरामजी के आन्दोलन के लिए धार मिली, यही युवा छात्रा को आज देश के करोड़ो बहुजन समाजे के लोग बहन मायावती जी कहते है.. फोटो में बहन मायावती जी अपने आक्रमक अंदाज में बाबासाहब के आंदोलन पर भाषण देती हुई.. और बाजू में मान्यवर कांशीरामजी गंभीर मुद्रा में बहन मायावती जी के भाषण के उपर सोच-विचार करते हुए.. प्रिय मित्रो बहन मायावती जी और मान्यवर काशीराम जी के सपनो को साकार करें अधिक से अधिक मित्र इस पृष्ठ को पसंद करे एवं अपने मित्रो मे इस पृष्ठ को पसंद करने का सुझाव दें- https://m.facebook.com/BehenMayawati

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Aam Aadmi Party

7 hours ago

"AAP is the only party which doesn't claim to rule, but claims to pass on the rule to people and execute what people want," Aamir Khan.


Quote source: http://www.ndtv.com/video/player/ndtv-special-ndtv-india/video-story/303753 — with Dharmesh Patel and 49 others.

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Navbharat Times Online

इकनॉमिक स्लोडाउन के चलते करीब 1 करोड़ 20 लाख लोग अगले सात वर्षों में फिर ...http://nbt.in/Ccy4_Y

Like ·  · Share · 407647 · about an hour ago ·


24 Ghanta

ব্রিটেনের বিধ্বংসী ঝড়...

সাবধানে দেখুন...

http://zeenews.india.com/bengali/gallery.aspx?id=236

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Navbharat Times Online

ठंड से जमा समंदर, मुश्किल में अमेरिका


देखिए, मन तक को सिहरा देने वाली ये तस्वीरें...http://nbt.in/PSlETZ

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Sheeba Aslam Fehmi

Arvind Kejriwal ne jab Ambani ke bhrashtachar ka khulasa kiya tha main tab se hi kah rahi hun ki unki aur unke pariwar ki jaan-maal ki suraksha ki zimmedari raajya sambhale, wo chahen ya na chahen, tab bhi.

Ab to Bijli aur Tanker Mafia bhi meharbaan ho sakta hai.

Mujhe shak hai ki aaj ka hamla bhi isi Mafia ne kiya ho, naam chahe jo ho.

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Anil Joshi

My English teachers at DSB College ,Nainital (1975-76)..(from L-R).... Mr.Rama Kant Mehrotra,Mrs. Anil Bisht,Mrs. Madhulika Dikshit and Capt. LM Sah...may their tribe increase...wishful thinking though..

Unlike ·  · Share · Yesterday at 9:23am ·

Mission Jagriti shared I Support Narendra Modi's photo.

AAP की मदद से मोदी को रोकेंगे: कांग्रेस (मुंगेरी लाल के हसीन सपने)

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Navbharat Times Online

अभी-अभीः आम आदमी पार्टी के कौशांबी दफ्तर में तोड़फोड़। हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं पर तोड़फोड़ का आरोप।


‪#‎AAP‬

Like ·  · Share · 1,17021646 · 4 hours ago ·

BBC Hindi

अमरीका में कई सरकारी कर्मचारियों को घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. ये घोटाले 9/11 मामले से जुड़े हुए हैं. जानिए पूरी कहानी.

http://bbc.in/K49ZzX

9/11 में घोटाले के आरोप में दर्जनों गिरफ़्तार - BBC Hindi - विदेश

bbc.in

अमरीकी अधिकारियों का कहना है कि 11 सितंबर 2001 को हुए हमले के बाद संघीय विकलांगता लाभ के नाम पर लाख़ों डॉलर की पेंशन लेने के आरोप में दर्जनों अधिकारियों का गिरफ़्तार किया गया है.

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24 Ghanta

আম আদমি পার্টির সদর দফতরে হামলা, চলল ব্যপক ভাঙচুর


http://zeenews.india.com/bengali/nation/aap-office-in-kaushambhi-vandalised-over-prashant-bhushan-s-kashmir-remarks_19224.html

Like ·  · Share · 1382813 · 2 hours ago ·

Reuters India

India has told the United States it cannot permit non-diplomats to visit a club at its Delhi embassy, escalating a row over the arrest of an Indian diplomat in New York.

India targets American expatriate club as diplomatic row escalates

in.reuters.com

Hundreds of expatriate Americans use the American Community Support Association club, which has a bar, swimming pool, restaurant and a beauty parlour within the embassy premises. The club has been in existenc

Shashi Sharma

मोदी सेना-पंगा ना लेनाहैलो मैडम ! मैं ज्योति टॉकिज के पास बस स्टॉप परखड़ी हूं, काफी देर से मेरे सामनेखड़ी एक कार में बैठा हुआ लड़का मुझे गंदे-गंदे इशारेकर रहा है, प्लीज आप जल्दी आइए। इतना सुना नहीं कि निर्भया मोबाइल पेट्रोलिंगकी टीम संबंधित जगह परपहुंची और लड़के को कार से बाहर निकालकरउसकी धुलाई शुरू कर दी। यह कोई फिल्मकी कहानी नहीं है,बल्कि भोपाल में शुरू हुई निर्भया मोबाइल पेट्रोलिंगकी सच्चाई है।16 दिसंबर 12 को दिल्ली में चलती बस मेंसामूहिक बलात्कार की शिकारनिर्भया की बरसी पर भोपाल पुलिस नेनिर्भया को श्रद्धांजलि देते हुए, निर्भया के नाम परमहिला प्रताडऩा को रोकने के लिए एक मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट शुरूकी है। इसका नाम भी निर्भया परही रखा गया। निर्भया पेट्रोलिंग मोबाइलप्रभारी नमिता साहू ने बताया कि शहर में जब सेनिर्भया पेट्रोलिंग शुरू हुई है लड़कियां अपने साथ हो रहे छेड़छाड़के मामलों को लेकर खुलकर सामने आ रही है। वह नसिर्फ पुलिस कार्रवाई में सहयोग कर रही है,बल्कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयासभी कर रही हैं।लेकिन ये बातें आपको दलालमीडिया नहीं बताएगा क्यूँकि भाजपा के पासइतने पैसे नहीं हैंकि अमरीकी "फोर्ड फाउन्डेशन"की तरह मीडिया को पैसे ठूसा सके शिवराजसिंह चौहान को केजरीवाल जैसा हीरो बनानेके लिये |

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The Economic Times

AAP effect: After sizzling 2013, foggy start for Sensex in 2014http://ow.ly/smOn8

Like ·  · Share · 1432137 · 6 hours ago ·

Mission Jagriti shared I Support Narendra Modi's photo.

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Navbharat Times Online

अरविंद ने कहा कि अगर मुझे मारने से कश्मीर मुद्दा हल हो सकता है तो जगह और वक्त बता दें, मैं मार खाने आ जाऊंगा http://nbt.in/6YsDfb

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Mohan Shrotriya

कोई शक रह गया है क्या अभी भी?


यह बौखलाहट की पराकाष्ठा है ! ‪#‎धर्म‬ का "ध", ‪#‎राष्ट्रभक्ति‬ का "रा", और ‪#‎संस्कृति‬का "स" तक न जानने-समझने वाले लंपट ( "Lumpen" - यह शब्द प्रशांत भूषण जैसे सुसंस्कृत व्यक्ति ने ‪#‎आहत‬ होकर काम में लिया है) तत्वों को हमले करने के लिए छुट्टा छोड़ देना, बेहद शर्मनाक कृत्य है, हिंदुत्व का दम भरने वालों का. प्रशांत भूषण ने दो लोगों के नाम भी बताए हैं. उन पर कुछ समय पहले हुए हमले में भी इनकी शिरकत थी.


‪#‎आप‬ की बढ़ती स्वीकार्यता एवं लोकप्रियता जिन्हें पच नहीं रही (और जिन्हें अब तक ‪#‎लालकिले‬ और ‪#‎संसद‬ के सहारे चलाया गया अपना आक्रामक एवं महत्वाकांक्षी अभियान ‪#‎फुस्स‬ होता दिख रहा है), वे ऐसे हथकंडे निर्लज्जता के साथ अपनाएंगे, यह चकित नहीं करता है, बेहद दुखद होते हुए भी. इन तत्वों का बचाव करते हुए उलटे #आप पर आरोप लगाते हुए ‪#‎मुख़्तारअब्बासनक़वी‬ का चेहरा आज तो सच में देखने लायक़ था !


लोकतंत्र में जिनकी थोड़ी-सी भी आस्था है, उन्हें हर स्तर पर इस तरह की कार्रवाइयों का मुखर विरोध करना चाहिए. ऐसा करने की क़ीमत अदा करनी पड़े, तो भी ! फ़ासीवादी शक्तियों से लोकतंत्र की रक्षा यों ही नहीं हो जाएगी, यह तय दिख रहा है !

Like ·  · Share · about an hour ago near Jaipur ·

Ashok Dusadh

जिस तरह से धर्मनिरपेक्षता के दीर्घजीवी रहने के लिए साम्प्रदायिकता जरूरी है उसी तरह 'क्षद्म ' धर्मनिरपेक्षता साम्प्रदायिकता का प्राण वायु है . हिंदुत्व कैंसर से पीड़ित व्यक्ति हो या नर्म हिन्दू विचारवादी दोनों धर्मनिरपेक्ष हो ही नहीं सकते .अधार्मिक आदमी या नास्तिक को धर्मनिरपेक्षता जैसे शब्द का अवलंबन क्यों लेना चाहिए ?.भारत में धर्म निरपेक्ष होने का मतलब होंता है पाकिस्तान से दोस्ती का ढोंग रचना , कश्मीर में जनवादी मुद्दों को हल करने के बजाय सांप्रदायिक आधार पर उसके बिलगाव का समर्थन करना ,हज के लिए सुविधा का मांग करना .......इसे मुस्लिम वोट बैंक का लाभार्थी होने का नुश्खा माना जाता है .अब आआप प्रायोजित ढंग से इसे भुनाना चाहती है .आआप का ड्रामेबाजी में कोई नया तत्व नहीं है पता नहीं उसे बौद्धिक सचेतन समाज को क्यों तवज्जो देना चाहिए ?

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Sheeba Aslam Fehmi

Arvind Kejriwal ki kuchh mamlo me samajh seemit ho sakti hai, lekin banda apni bharsak koshish kar raha hai pro-people governance dene ki.

Sanghiyon k is dussahasik hamle ka agar Dilli ke aam aadmi ne bharpoor jawab nahi diya to agla Kejriwal dashakon tak nahi paida hoga.

Ise bardasht nahi kiya ja sakta.

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Mohan Shrotriya

*धर्म-ध्वजा फहराएगी, ऐसे !*


भारत की अखंडता और धर्म-रक्षा के ठेके दे दिए गए हैं ! रोज़गार उपलब्ध कराने का यह चुनाव-पूर्व का नया तरीक़ा है !


कुछ लोग इसे लोक-हितकारी क़दम भी मान रहे हैं !


परेशानी सिर्फ़ इस बात की है कि ये लोग पत्थर फेंक कर, लाठियां भांज कर, और गाली-गलौज करके इस पुनीत कार्य को संपन्न करना जानते हैं. सो जो जानते हैं, वही तो करेंगे !

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The Economic Times

Why Rahul should refuse to be Congress PM candidate

http://ow.ly/sn9w9

Like ·  · Share · 1635016 · about an hour ago ·

Rajiv Nayan Bahuguna

सेना के सहारे आप असंतोष का दमन कर सकते हैं , शमन नहीं कर सकते . यह देश शासकों की वजह से नहीं , बल्कि अमीर खुसरो , कबीर , रैदास , आध्य शंकराचार्य , एम् एस सुब्बू लक्ष्मी तथा बिस्मिल्लाह खान की वजह से एक जुट है .

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Satya Narayan posted in 4 groups.

चार राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे और भावी फासीवादी उभार की आहटें

ahwanmag.com

फासीवादी उभार हमेशा ही किसी न किसी किस्म के 'फ़्हूरर' या 'ड्यूस' के कल्ट पर सवार होकर आता है। भारत में यह कल्ट 'नमो नमः' के नारे पर सवार होकर आ रहा है। मुम्बई में एक रईसों के होटल ने मोदी की मोम क...

  • Satya NarayanAam Aadmi Party Coventry (UK)
  • फासीवादी उभार हमेशा ही किसी न किसी किस्म के 'फ़्हूरर' या 'ड्यूस' के कल्ट पर सवार होकर आता है। भारत में यह कल्ट 'नमो नमः' के नारे पर सवार होकर आ रहा है। मुम्बई में एक रईसों के होटल ने मोदी की मोम की प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा ही करवाया है। इसी प्रकार की कवायदें मोदी समर्थक देश भर में कर रहे हैं। 'फ़्यूहरर' कल्ट का भारतीय संस्करण हमारे सामने है। निश्चित तौर पर यह अभी नहीं कहा जा सकता है कि चार विधानसभा चुनावों के नतीजे लोकसभा चुनावों के नतीजों में परिवर्तित हो जायेंगे। लेकिन उतने ही ज़ोर के साथ यह भी कहा जा सकता है कि इस सम्भावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। जर्मनी या इटली की तरह भारत में फासीवादी उभार होगा, इसकी सम्भावना कम है। वास्तव में, उस प्रकार का फासीवादी उभार भूमण्डलीकरण के दौर में कहीं भी सम्भव नहीं है। इतिहास अपने आपको दुहराता नहीं है। लेकिन एक नये रूप में, नये कलर-फ़्लेवर में दुनिया के कई देशों में अपनी-अपनी विशिष्टताओं के साथ फासीवादी ताक़तें सिर उठा रही हैं। विश्व पूँजीवाद जिस अन्तहीन संकट के भँवर में फँसा है, उसमें वह अधिक से अधिक निरंकुश होता ही जायेगा। पूँजीवाद के दायरे के भीतर किसी भी किस्म का कल्याणवाद अब सम्भव नहीं है। पूँजीवादी शासक वर्ग ज़्यादा कट्टरता के साथ दुनिया के हर देश में नवउदारवादी नीतियों को अपना रहे हैं और अपनाते रहेंगे। यह आर्थिक कट्टरवाद नैसर्गिक तौर पर राजनीतिक कट्टरवाद की ज़रूरत को पैदा कर रहा है। ऐसे में, दुनिया में हर जगह पर ही शासक वर्गों को अधिक से अधिक निरंकुश, नग्न, बर्बर और अमानवीय तौर पर पूँजी की तानाशाही को लागू करने वाली निरंकुश ताक़तों की सत्ता में ज़रूरत है, चाहे वह फासीवादी ताक़तें हों या अन्य प्रतिक्रियावादी ताक़तें।

  • http://ahwanmag.com/archives/3373

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  • Satya NarayanPrograssive writers association
  • फासीवादी उभार हमेशा ही किसी न किसी किस्म के 'फ़्हूरर' या 'ड्यूस' के कल्ट पर सवार होकर आता है। भारत में यह कल्ट 'नमो नमः' के नारे पर सवार होकर आ रहा है। मुम्बई में एक रईसों के होटल ने मोदी की मोम की प्रतिमा का अनावरण मोदी द्वारा ही करवाया है। इसी प्रकार की कवायदें मोदी समर्थक देश भर में कर रहे हैं। 'फ़्यूहरर' कल्ट का भारतीय संस्करण हमारे सामने है। निश्चित तौर पर यह अभी नहीं कहा जा सकता है कि चार विधानसभा चुनावों के नतीजे लोकसभा चुनावों के नतीजों में परिवर्तित हो जायेंगे। लेकिन उतने ही ज़ोर के साथ यह भी कहा जा सकता है कि इस सम्भावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। जर्मनी या इटली की तरह भारत में फासीवादी उभार होगा, इसकी सम्भावना कम है। वास्तव में, उस प्रकार का फासीवादी उभार भूमण्डलीकरण के दौर में कहीं भी सम्भव नहीं है। इतिहास अपने आपको दुहराता नहीं है। लेकिन एक नये रूप में, नये कलर-फ़्लेवर में दुनिया के कई देशों में अपनी-अपनी विशिष्टताओं के साथ फासीवादी ताक़तें सिर उठा रही हैं। विश्व पूँजीवाद जिस अन्तहीन संकट के भँवर में फँसा है, उसमें वह अधिक से अधिक निरंकुश होता ही जायेगा। पूँजीवाद के दायरे के भीतर किसी भी किस्म का कल्याणवाद अब सम्भव नहीं है। पूँजीवादी शासक वर्ग ज़्यादा कट्टरता के साथ दुनिया के हर देश में नवउदारवादी नीतियों को अपना रहे हैं और अपनाते रहेंगे। यह आर्थिक कट्टरवाद नैसर्गिक तौर पर राजनीतिक कट्टरवाद की ज़रूरत को पैदा कर रहा है। ऐसे में, दुनिया में हर जगह पर ही शासक वर्गों को अधिक से अधिक निरंकुश, नग्न, बर्बर और अमानवीय तौर पर पूँजी की तानाशाही को लागू करने वाली निरंकुश ताक़तों की सत्ता में ज़रूरत है, चाहे वह फासीवादी ताक़तें हों या अन्य प्रतिक्रियावादी ताक़तें।

  • http://ahwanmag.com/archives/3373

India Today

Muslims unhappy over nil representation in Aam Aadmi Party

Indian Muslims unhappy that there is no Muslim in Aam Aadmi Party : North, News - India Today

indiatoday.intoday.in

Muslims, who always had a representation in the Sheila Dikshit cabinet, are disappointed that there is no Muslim in Kejriwal's cabinet.

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Uday Prakash

ये ' हिन्दू रक्षा दल ' क्या है ? क्या कश्मीर हिंदुस्तान का हिस्सा नहीं , 'हिंदुओं ' की गुलाम कॉलोनी (उपनिवेश) है ?

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Surendra Grover

केजरीवाल के घर पर हमला करने वाले राष्ट्रवादी मुझे तो राष्ट्र भंजक अधिक लगते हैं..

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Avinash Das

मेरे पास कुछ दिनों पहले मैथिली-भोजपुरी अकादमी से एक फोन आया था कि क्‍या आप 12 जनवरी को उनके मंच पर कविता पढ़ेंगे? मैंने पूछा - पैसे कितने मिलेंगे? जवाब मिला - पांच हजार रुपये। मैंने कहा, फिर जरूर पढूंगा। आज उनका कार्ड मिला, तो अपने नाम के आगे "झा" देख कर मजा आ गया। वे ब्राह्मण समझ कर रुपया देंगे और मैं रुपये का "दास" समझ कर अपनी कविताएं पढूंगा

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जनज्वार डॉटकॉम

कहाँ तो आपने दिन-रात जनता के हित में काम करने का वायदा किया था और कहाँ आप 'पोलिटिकली करेक्ट स्टैंड' के फिक्रमंद हुए जा रहे हैं. इस मुल्क के मतदाता ने बहुत धोखे खाए हैं, लिहाजा हम इत्मीनान से नहीं बैठ सकते जनाब केजरीवाल! हम पहले दिन से ही, पहले घंटे से ही आपके किये के मुन्तजिर हैं...http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-06-02/69-discourse/4675-janvbhavnaon-ka-makhaul-aap-to-mat-udaiye-kejriwal-saheb-for-janjwar-by-kashyap-kishore-mishra

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nita Bharti

Ali Sohrab


मोतिहारी से दो लड़कियों (14 और 15 वर्ष) को महज तीन हजार रुपए में खरीदा और राजधानी (पटना) लाकर एक होटल में गैंगरेप किया। सोमवार की देर रात कोतवाली थाने के फ्रेजर रोड इलाके में मारवारी आवास गृह और होटल सम्राट इंटरनेशनल में विशेष पुलिस टीम की छापेमारी के बाद यही हकीकत सामने आई।

गया के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव उर्फ ओमकारनाथ समेत सात लोगों को गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने दोनों लड़कियों को बरामद कर लिया। मारवारी आवास गृह के कमरा नंबर एसएस 3 में दोनों लड़कियों के साथ डिप्टी मेयर व अजय कुमार तथा अन्य आरोपी होटल सम्राट से पकड़े गए।


अरे ओ काका बलात्कारियों को तो शूरवीर कहा जाता है....और शूरवीर को पकड़ना जेल में रखना कतई उचित नहीं है......ऐसी खरीद फरोख्त कोई आज से थोड़े हो रहा है.....घर से उठा कर महिलाओं का बलात्कार कोई आज से थोड़े हो रहा है........शूरवीरों का इतिहास तो पढ़िए.....!!

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Jagadishwar Chaturvedi

जेएनयू में कई दशकों में बड़ा बदलाव आया है अचानक ढ़ेर सारे मोदीभक्त निकल आए हैं। जेएनयू की शिक्षा में यह ढलान का दौर ही कहा जाएगा । जेएनयू में उदार होने के लिए छात्र आते थे अब मोदीपंथ देखकर लगता है अनुदार होने के लिए आते हैं।

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Jagadishwar Chaturvedi

How will the AAP Shape up? -Prakash Karat

THE Aam Aadmi Party (AAP) which was founded a year ago in Delhi has formed the government after winning 28 out of the 70 seats in Delhi assembly. This rapid rise of a new party in the capital city has sparked off a lot of discussion and has been generally welcomed by the democratic and secular circles in the country.

A POSITIVE

DEVELOPMENT

Of course, this is not the first time a political formation has made a speedy ascent by gaining popular support. The Telugu Desam Party...Continue Reading

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  • Sitaram Singh its always a dangrous trend.This has never served the country well .Slowly it will be clear as time will pass.Its only our constitution that is a guard against these of pure threats.THey have no respect of the constitution

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  • Sitaram Singh may be i am not in the left any more but we cant cpmpare left and aaj i dont know why com. prakash is missing this point may be because of mulayam and others.as they are not believable he is looking a partner in AAP after election

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  • Sitaram Singh may be i am not in the left any more but we cant cpmpare left and aaj i dont know why com. prakash is missing this point may be because of mulayam and others.as they are not believable he is looking a partner in AAP after election

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  • Unita Sachidanand आप कहना क्या चाहते हैं करत जी , आखिरकार यही कहेंगे 'आप ' भी बेकार और सही आप . करत तुम्हारी क्या करत रही इन सालों मैं.

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Himanshu Kumar

बहुत से लोग काँग्रेसियों की गुंडागर्दी से बचने के लिए भाजपा से जुड जाते हैं .


बहुत से लोग भाजपा से डर करकांग्रेस में शामिल हो जाते हैं .


आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बाहरी बामन ठाकुर लोग अपने एक बेटे को काँग्रेस में और दुसरे को भाजपा में घुसा देते हैं .


जब जिस पार्टी का शासन आता है तब उस पार्टी वाला बेटा अपनी राजनैतिक पहचान के नाम पर ठेके बटोरता रहता है .


आजकल मुज़फ्फर नगर में जाट भाई लोग आम आदमी पार्टी में दबादब सदस्य बन रहे हैं . कई जाट बन्धु तो टेबल लगा कर बाकायदा सदस्यता भी बाँट रहे हैं .


'कोई होई रिपु हमें का हानि '


इन्हीं जैसों के लिए लिखा था बाबा ने

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marxistindia

news from the cpi(m)

January 8, 2014






Dear Dr. Manmohan Singhji,




Sub: Reported proposal to amend Forest (Conservation) Rules to facilitate illegal diversion of forest land




I am writing to you in regard to the violation of the Forest Rights Act and the blatant illegalities being committed by the Ministry of Environments and Forests by giving approval to projects without the concurrence of the gram sabhas or a recognition of the rights of adivasis in the concerned forest areas, as mandated by the FRA. To legalise these violations and further facilitate the takeover of forest land for projects including those for the private sector, the Environment Ministry is proposing amendments to the Forest (Conservation) Rules to circumvent the provisions of the FRA and give all powers to the bureaucracy as against the gram sabhas.




It is reported that the Ministry has the full sanction of the PMO for these amendments as they are in line with the recommendations made earlier by the three member committee set up convened by the Principal Secretary in the PMO. The proposed amendments include:




·        Empower the Collector to "complete the process of recognition of rights" - which the Collector cannot do under the Act, as this power lies with the gram sabha and the higher committees.


·        Allow the Collector to certify whether rights recognition is complete, when the FRA requires that only the gram sabha can give such a certification - as MoEF itself had recognised in its 2009 order.


·        Require that the process of recognition be completed within thirty to sixty days - when the Forest Rights Rules require at least three months for the filing of claims alone. Having failed to implement this Act for the past six years, the government now seems to want to short circuit the entire process.


·        Give the Collectors implicit discretion to decide which gram sabhas' consent should be taken - when the fully informed consent of all affected gram sabhas is a requirement, as also held by the Supreme Court in Orissa Mining Corporation vs. Union of India and Ors.. The amendments also say nothing about what information should be given to gram sabhas.




In sum, these amendments will make it even easier to hand over forest land without complying with the Forest Rights Act for which it is not the MOEF but the Tribal Affairs Ministry which is the nodal Ministry.




Already in case after case, the MOEF has been pushing approvals for projects leading to diversion of forest land without the consent of the gram sabhas. According to the Ministry's website, between January 2008 and August 2011, 1,82,389 hectares of forest land was diverted for projects with the Ministry's approval. The monthly average of forest land diversion has gone up by 42 per cent in 2013 from an average of 2216 hectares in 2012 to 3143 hectares in the first four months of 2013. Of the projects approved 42 per cent are for mining, 22 per cent for irrigation and 10.5 per cent for roads. Significantly there is no mention of the large numbers of adivasi families displaced from land and livelihood.




You will kindly recall that in the Niyamgiri Vedanta project, it was only the Supreme Court intervention which ensured that gram sabhas were consulted even while the Collector and other officials had falsely claimed that procedures had been followed. Similarly in projects in Jharkhand, Maharashtra, Andhra Pradesh, Madhya Pradesh and Chattisgarh the MOEF has been conniving with the blatant illegalities being committed bypassing the gram sabhas and the adivasis dependent on the forest for their livelihood.




Now, without addressing these blatant illegalities, the new amendments are being proposed.




I request you to intervene to ensure that the FRA is implemented and that no such Rules are framed that will legalise the present effort to undermine and sabotage the FRA leading to the elimination of the rights of adivasis and traditional forest dwellers who depend on the forests for their livelihood.




Thanking you,


Yours sincerely,








(Brinda Karat)




Dr. Manmohan Singh


Prime Minister of India


New Delhi-11000

_______________________________________________

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Rajiv Nayan Bahuguna

दुबारा सत्ता में आने के लिए लम्पट , स्वार्थी, घोटाले बाज़ और ऐय्याश कांग्रेसियों को गांधी - नेहरु परिवार के किसी करिश्मे की दरकार है . यह उनकी अपरिहार्यता है , और मजबूरी भी . सत्ता में रहते हुए वे पूरे पांच साल घपले घोटाले करने और अपने बेटों , भतीजो , साले - सादू , दामाद और भांजों को कहीं एडजस्ट कराने या ठेके दिलाने में व्यस्त रहते हैं . उनका न तो अपने मतदाताओं से कोई संपर्क रहता है , और न देश - समाज के प्रति कोई योगदान . कभी इंदिरा गांधी तो कभी राजीव गांधी की लाश पर रोटियाँ सेंकने के अभ्यस्त हो गए हैं . राहुल , सोनिया या प्रियंका के जीवन को यदि किसी से सर्वाधिक खतरा है , तो इन्ही से है . क्योंकि गांधी - नेहरू परिवार के किसी सदस्य की ह्त्या होने पर इन्हें तडातड़ वोट मिलते हैं . यह जानते हुए भी की राहुल गांधी एक अप्रशिक्षित , अबोध और और गैर राजनीतिक युवक है , ये उसके आगे दम हिलाते रहते हैं . जबकि कांग्रेस का कोई सरपंच स्तर का नेता भी राहुल गांधी के मुकाबले प्रधान मंत्री पद का अधिक योग्य उम्मीदवार है . अगर साम्प्रदायिक नराधम नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बना, तो उसके ज़िम्मेदार ये ही नालायक कांग्रेसी होंगे

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Rajiv Nayan Bahuguna

उद्वेलित और उत्तेजित न हूजिये . कश्मीर ही नहीं , देश के सभी राज्यों को केंद्रीकृत सता के शिकंजे से मुक्ति की ज़रुरत है . दिल्ली में बैठे सत्ताधीश अन्य राज्यों के संसाधन लूटी रहे हैं . मैं जिस जनपद का निवासी हूँ , वहां एक बाँध बना कर डेढ़ लाख लोगों को खदेड़ कर भगा दिया गया , ताकि दिल्ली को छह सौ क्यूसेक्स पानी और बड़े उद्योगों को बिजली मिल सके . आदिवासियों के जंगलों पर खदानें खोद कर खनिज निकाल रहे हैं , और जब वे प्रतिरोध करते हैं , तो उन्हें माओवादी कह कर मार डाला जाता है . पूरे देश को दिल्ली दलालों से मुक्ति चाहिए . दिल्ली के दलालों को , जूते मारो सालों को

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Avinash Das

क्‍या आपने APCO Worldwide का नाम सुना है? यह बीजेपी के पीएम इन वेटिंगNarendra Modi के लिए पीआर का काम अपने हाथ में लेने वाली कंपनी है। यह दुनिया भर में धतकर्मों में लिप्‍त तानाशाहों की इमेज बिल्डिंग का काम करती रही है। अमेरिकी सेना की युद्धनीति के पक्ष में जनमत संग्रह से लेकर इजराइल के बर्बर चेहरे को न्‍यायप्रिय छवि के रूप में प्रचारित करने की रणनीति इसी कंपनी ने बनायी थी। भारत में नरेंद्र मोदी ने अपनी महत्‍वाकांक्षा को अंजाम देने के लिए इस कंपनी की सेवा ली है। अब राहुल गांधी के लिए इसी तर्ज पर एक पीआर कंपनी हायर की जा रही है। यानी राहुल भले कहते रहें कि सीखना Aam Aadmi Party से है, लेकिन वो नकल नरेंद्र मोदी की कर रहे हैं।

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শাহবাগে সাইবার যুদ্ধ

সাম্প্রদায়িক হামলার প্রতিবাদে টিএসসিতে ঢাকা বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্র জনতার ত্বরিত প্রতিবাদের কিছু ছবি।

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Mangalesh Dabral via Avinash Mishra

मेरे नये संग्रह पर अविनाश मिश्र की समझदार समीक्षा.

नए युग में शत्रु | अपवाद

apvaad.blogspot.com

मेरे नये संग्रह पर अविनाश मिश्र की समझदार समीक्षा.

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H L Dusadh Dusadh

मित्रों!आज ,७ जनवरी के दैनिक जागरण में प्रसिद्ध पत्रकार राजीव सचान,जो उस दैनिक जागरण के उप-संपादक हैं जो बेसिकली भाजपा का समर्थक अखबार है,का 'आप मुझे अच्छे लगने लगे' शीर्षक से एक लेख छपा है .इसमें सचान 'आप' के असर को रेखांकित करते हुए लिखते हैं-' फिलहाल इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं कि क्या अरविन्द केजरीवाल प्रधान मंत्री के प्रबल दावेदार के रूप में उभर सकते हैं,लेकिन इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती की देश की जनता स्थापित राजनितिक दलों से आजिज़ आया चुकी है.न तो राष्ट्रीय दल उसकी अपेक्षाओं पर खरे उतर पा रहे हैं और न ही क्षेत्रीय दल .आप के उभार के पहले भाजपा के पीएम प्रत्यासी नरेंद्र मोदी की राह आसान नज़र आ रही थी ,लेकिन अब ऐसा नहीं कहा जा सकता.मोदी को पीएम पद पर बैठाने के आकांक्षी तमाम मतदाता ,खासकर शहरी इलाकों के युवा मतदाता केजरीवाल के पीछे खड़े हो सकते हैं.भाजपा को आप की चुनौती से पार पाने के लिए आदर्शों-मूल्यों के मामले उससे बड़ी लकीर खीचने की कोशिश करनी चाहिए न की उसकी मीन-मेख निकलने की.

मित्रों एक भाजपा समर्थक पत्रकार का भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल को नसीहत देते हुए आप का गुणगान इस बात सूचक है कि आप ने बड़ेबड़े बुद्धिजीवियों तक को आतंकित कर दिया है और वे मुह खोलकर अपने दल 'आप' के उभार की अप्रिय सचाई से अवगत कराने की जोखिम उठा रहे हैं.चूँकि बहुजनवादी दल अपने बुद्धिजीवियों को किसी लायक नहीं समझते इसलिए बहुजन बुद्धिजीवी सचन जी की तरह उनको आगाह करने की हिमाकत नहीं करते.पर सचान जी के लेख पर गौर फरमाए तो निम्न निष्कर्ष निकल कर सामने आते हैं

१-परंपरागत राजनितिक दलों और उनके नेताओं से लोग आज़ीज़ आ चुके हैं अर्थात उनसे मतदाताओं को विरक्ति/नफरत हो गयी है;

२-मोदी जैसे ट्रेडिशन टाइप के नेता की लोकप्रियता केजरीवाल के सामने म्लान हो चुकी ह तब दुसरे नेताओं की करुण स्थिति का अनुमान लगाया ही जा सकता है और

३-आप से पार पाने के लिए आदर्शो-विचारों की लम्बी लाकर खीचनी होगी.

मित्रों!जब पारम्परिक छवि का मोदी जैसा नेता सोशल एक्टिविस्ट से पॉलिटिकल लीडर के रूप में उभरे केजरीवाल के समक्ष निष्तेज़ हो चूका है तब फिर कौन आप वालों को चुनौती दे सकता है?आप का जवाब क्या होगा मैं नहीं जानता किन्तु दीवारों पर यह इबारत लिखी दिख रही है कि जिस तरह लोहा लोहे को काटता है उसी तरह सोशल एक्टिविज्म से पॉलिटिकल संगठन का चेहरा लिए आप का मुकाबला ट्रेडिशनल दल नहीं ,सिर्फ ऐसे सामाजिक संगठन के लोग ही कर सकते हैं जो आप वालों से भी बढकर सादगीपसंद हों;जिनके दामन पर इंडिया अगेंस्ट करप्शन वालों से कम भ्रष्टाचार के धब्बे हों तथा आइडियोलोजी में भी उससे कुछ कदम आगे हो.आप की क्या राय है?क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि आज जबकि स्थापित दल अपना वजूद बचाने के लिए उद्भ्रांत होकर 'आप'की राजनीतिक संस्कृति में ढलने का हास्यास्पद उपक्रम चला रहे हैं, कोई बढ़िया सामाजिक संगठन ही राजनितिक संगठन का रूप धारण कर भारतीय डेमोक्रेसी और वंचित बहुजन समाज के लिए चुनौती बने गणशत्रु केजरीवाल एंड कंपनी का सही मुकाबला कर सकता है ?

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Jagadishwar Chaturvedi

तू ने क्यूँ हम से तवक़्क़ो न मुसाफ़िर रक्खी / ज़फ़र अज्मी


तू ने क्यूँ हम से तवक़्क़ो न मुसाफ़िर रक्खी

हम ने तो जाँ भी तेरे वास्ते हाज़िर रक्खी


हाँ अब उस सम्त नहीं जाना पर ऐ दिल ऐ दिल

बाम पर उस ने कोई शम्मा अगर फिर रक्खी


ये अलग बात की वो दिल से किसी और का था

बात तो उस ने हमारी भी ब-ज़ाहिर रक्खी


अब किसी ख़्वाब की ज़ंजीर नहीं पाँव में

ताक़ पर वस्ल की उम्मीद भी आख़िर रक्खी


जब भी जी चाहता मरने को हज़ारों थे जवाज़

ज़िंदगी हम ने सलामत तेरी ख़ातिर रक्खी


हिज्र की शब कोई वादा न कोई याद 'ज़फर'

तू ने क्या चीज़ बचा कर मेरे शाएर रक्खी

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Jagadishwar Chaturvedi

आ के जब ख़्वाब तुम्हारे ने कहा बिस्मिल्लाह / ज़फ़र अज्मी


आ के जब ख़्वाब तुम्हारे ने कहा बिस्मिल्लाह

दिल मुसाफ़िर थके हारे ने कहा बिस्मिल्लाह


हिज्र की रात में जब दर्द के बिस्तर पे गिरा

शब के बहते हुए धारे ने कहा बिस्मिल्लाह


शाम का वक़्त था और नाव थी साहिल के क़रीब

पाँव छूते ही किनारे ने कहा बिस्मिल्लाह


अजनबी शहर में था पहला पड़ाव मेरा

बाम से झुक के सितारे ने कहा बिस्मिल्लाह


लड़खड़ाए जो ज़रा पाँव तो इक शोर हुआ

क़ाफिले सारे के सारे ने कहा बिस्मिल्लाह


ना-ख़ुदा छोड़ गए भँवर में तो 'ज़फर'

एक तिनके के सहारे ने कहा बिस्मिल्लाह

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Jagadishwar Chaturvedi

हर चीज़ का खोना भी बड़ी दौलत है / अमजद हैदराबादी


हर चीज़ का खोना भी बड़ी दौलत है।

बेफ़िकरी से सोना भी बड़ी दौलत है॥

इफ़लास ने सख़्त-मौत आसाँ कर दी।

दौलत का न होना भी बड़ी दौलत है॥


साँचे में अजल के हर घडी़ ढलती है।

हर वक़्त यह शमए-ज़िन्दगी जलती है॥

आती-जाती है साँस अन्दर-बाहर।

या उम्र के हलक़ पर छुरी चलती है॥


हासिल न किया महर से ज़र्रा तुमने।

दरिया से पिया न एक क़तरा तुमने॥

'अमजद' साहब! ख़ुदा को क्या समझोगे?

अब तक ख़ुद ही को जब न समझा तुमने॥

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Jagadishwar Chaturvedi

ये अहद क्या है की सब पर गिराँ गुज़रता है / ज़फ़र अज्मी


ये अहद क्या है की सब पर गिराँ गुज़रता है

ये क्या तिलिस्म है क्या इम्तिहाँ गुज़रता है


वो क़हत-ए-लुत्फ़ है दर दम तेरे फ़क़ीरों पर

हजार वस्वसा आतिश-बजाँ गुज़रता है


जो ख़ाक हो गए तेरे फ़िराक़ में उन का

ख़याल भी कभी ऐ जान-ए-जाँ गुज़रता है


जब उस की बज़्म से चल ही पड़े तो सोचना क्या

कि अर्सा-ए-ग़म-ए-हिज्राँ कहाँ गुज़रता है


कभी वो चेहरा-ए-मानूस भी दिखाई दे

गली से रोज़ नया कारवाँ गुज़रता है


'ज़फर' बसंत भी है और बहार की रूत भी

फ़लक पे तख़्ता-ए-गुल का गुमाँ गुज़रता है

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चन्द्रशेखर करगेती

बल भैजी क्या होलू ?


भैजी क्वे तो समझाओ अफरा बिज्जी भैजी कू...... ग्याडू को भोत डर लग रा है भैजी !


बल भैजी चुनाव का पैली मुछ्याल बोड़ा ने भी तीन एक्ट क्या बणाया, वू दिन ही अपशकुन ह्वे गो, काम बढ़िया करी पर भाग कू लेखों को बदल सक्दू महाराज .....


खैर मनाओ भैजी अब अफरा बिज्जी भैजी भी मुछ्याल बोड़ा की राह पकड़ रखी च, हे कूल देवी भैजी की नाक लाज द्विनी बचा रखिया....


ग्याडू का क्या भैजी वू तो बगैर नाक कू च....

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Uday Prakash with Avinash Das

''हाये लीडर दुरंगी न कम गुम हुए ,

बीच धारा अगम थी, गुड़मगुम हुए!

बोली बरसात में इंक़लाबी दुल्हन

'ले के छाता हमारा, बलम गुम हुए !"

-- शमशेर, 'राजनीतिक करवटें', १९४८.

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Jagadishwar Chaturvedi

कामयाबी के नहीं हम ज़िम्मेदार / अमजद हैदराबादी


कामयाबी के नहीं हम ज़िम्मेदार।

काम की हद तक हमारा काम है॥

जब्र उस मुख़्तार पर क्यों कर करें?

अर्ज़ कर देना हमारा काम है॥


हुस्ने-सूरत को नहीं कहते है हुस्न।

हुस्न तो हुस्ने-अमल का नाम है॥

रह सके किस तरह 'अमजद' मुतमईन।

ज़िन्दगी खौ़फ़े-ख़ुदा का नाम है॥

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Afroz Alam Sahil

हर धड़कते पत्थर को, लोग दिल समझते हैं

उम्र बीत जाती है, दिल को दिल बनाने में....

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अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम shared Rashtrawadi Shiv Sena's photo.

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Amalendu Upadhyaya posted 2 updates.

बहुत कठिन है डगर "आप" की

hastakshep.com

उद्योग जगत में कॉन्ट्रैक्ट नौकरी का चलन जड़ तक पहुंच चुका है। ऐसे में उसे खत्म करने का आप का वादा केवल वादा ही रह जाएगा क्योंकि इस मामले में उसे कॉर्पोरेट मीडिया को भी आड़े-हाथों लेना पड़ेगा। अभी तक केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कॉर्पोरेट मीडिया में चल रहे श्रम कानूनों के उल्लंघन और…

  • Amalendu Upadhyaya
  • उद्योग जगत में कॉन्ट्रैक्ट नौकरी का चलन जड़ तक पहुंच चुका है। ऐसे में उसे खत्म करने का आप का वादा केवल वादा ही रह जाएगा क्योंकि इस मामले में उसे कॉर्पोरेट मीडिया को भी आड़े-हाथों लेना पड़ेगा। अभी तक केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कॉर्पोरेट मीडिया में चल रहे श्रम कानूनों के उल्लंघन और पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट नहीं की है…

  • Like ·  · Share · about an hour ago ·

S.r. Darapuri and 2 others shared a link.

हिन्दू शूद्रों और स्त्रियों के ताकतवर होने से महान भारत और हिन्दुत्व कमजोर होता है!

hastakshep.com

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' विकीलीक्स के खुलासे के नाम पर कुछ समय से वेब मीडिया पर इस बात को प्रचारित किया जा रहा है कि कॉंग्रेस के महासचिव राहुल गॉंधी ने यह कहा था कि ''भारत को हिन्दुत्व से खतरा है''| इसी बात को लेकर एक महाशय लिखते हैं कि ''राहुल ने अमेरिकी राजदूत से…

Mohan Shrotriya shared Asylum Seeker Resource Centre (ASRC)'sphoto.

‪#‎काश‬...काश...काश !


***राजनीतिबाज़ों को रखो न्यूनतम मजूरी पर

और देखो कितनी तेज़ी से बदलने लगते हैं हालात !***


अरे, पर कोई तो बताओ ‪#‎तरकीब‬ !

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  • Surendra Grover, Uday Prakash, Girijesh Tiwari and 60 others like this.

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  • Suresh Swapnil उन्हें प्रति घंटे के हिसाब से मजूरी मिलनी चाहिए ! बहुत गर्रा गए हैं !

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  • Sanjeev Mathur sahi baat. par billi ke gale me ganti koun bande.

  • 4 hours ago · Like

  • Vks Gautam नेताओं को छुट्टा छोड़ेने की साजिश है. यदि उपरोक्त बात को शब्दशः लागू करने की कोशिश करेंगे तो नेता बोलेगा कि यह इबारत कहां खुदी हुई है. और वह शाबित करके कि यह अमेरिका में है, न्यूनतम मजदूरी वहां की मांगना शुरू करेगा.

  • 2 hours ago · Like

  • Vks Gautam दूसरी बात यह है कि उनकी तनख्वाह पर न जाएं तो अच्छा है. उनके भत्ते इतने है जितना ईकोलाई पर किया गया रिसर्च. जिसको हम लोग मजाक में कहते थे कि इन रिसर्चों पर प्रयोग किए गए कागज, इस दुनिया के साइन्टिस्टों के अपने वजन से मारने के लिए काफी है. नतउवा सब अपनी तनख्वाह छोड़े देंगे लेकिन तनख्वाह + (remuneration + ) के लिए आप को माइनस कर देंगे

  • 2 hours ago · Like

mesh Chandra Pant was tagged in Sandeep Pokhriyal's photo.

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Sheeba Aslam Fehmi

अब एक दूसरी कहानी। हाल ही में एक खबर आई थी कि नरेंद्रभाई के मंत्रिमंडल में दूसरा स्थान रखने वाली आनंदीबेन पटेल के पति मफतभाई पटेल नई-नवेली आम आदमी पार्टी में शािमल होने जा रहे हैं। आनंदीबेन और मफतभाई के दांपत्य में दरार आने की वजह नरेंद्रभाई को ही माना जाता है। मफतभाई आचार-विचार से गांधीवादी हैं। सन १९८५ में आनंदीबेन मोदी के संपर्क में आईं। क्मशः दोनों में राजनैतिक-वैचारिक निकटता बढ़ने लगी। १९९२ आते-आते नौबत यहां तक आ पहुंची कि आनंदीबेन पूरी तरह मोदी के रंग में रंग गईं और मफतभाई के साथ तीन दशक के वैवाहिक जीवन के बाद उन से अलग रहने लगीं। आज गुजरात में आनंदीबेन का नरेंद्रभाई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। मफतभाई ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी सरीखे शीर्ष भाजपा नेताओं को कई शिकायती पत्र लिख कर आनंदीबेन को मोदी के प्रभाव से मुक्त कराने का आग्रह भी कि मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यही वजह है कि बहुत से लोग आनंदीबेन और मफतभाई के दांपत्य जीवन में दरार पड़ने का ठीकरा मोदी पर फोड़ते हैं।

tukda tukda zindagi: मोदी का सुख औरों का दुःख!

tukdatukdazindagi.blogspot.com

अब एक दूसरी कहानी। हाल ही में एक खबर आई थी कि नरेंद्रभाई के मंत्रिमंडल में दूसरा स्थान रखने वाली आनंदीबेन पटेल के पति मफतभाई पटेल नई-नवेली आम आदमी पार्टी में शािमल होने जा रहे हैं। आनंदीबेन और मफतभाई के दांपत्य में दरार आने की वजह नरेंद्रभाई को ही माना जाता है। मफतभाई आचार-विचार से गांधीवादी हैं। सन १९८५ में आनंदीबेन मोदी के संपर्क में आईं। क्मशः दोनों में राजनैतिक-वैचारिक निकटता बढ़ने लगी। १९९२ आते-आते नौबत यहां तक आ पहुंची कि आनंदीबेन पूरी तरह मोदी के रंग में रंग गईं और मफतभाई के साथ तीन दशक के वैवाहिक जीवन के बाद उन से अलग रहने लगीं। आज गुजरात में आनंदीबेन का नरेंद्रभाई के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता है। मफतभाई ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी सरीखे शीर्ष भाजपा नेताओं को कई शिकायती पत्र लिख कर आनंदीबेन को मोदी के प्रभाव से मुक्त कराने का आग्रह भी कि मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यही वजह है कि बहुत से लोग आनंदीबेन और मफतभाई के दांपत्य जीवन में दरार पड़ने का ठीकरा मोदी पर फोड़ते हैं।

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India Today

More than politics, Arvind Kejriwal battles India's VIP culture

More than politics, Arvind Kejriwal battles India's VIP culture : Delhi, News - India Today

indiatoday.intoday.in

From eschewing guards, placing his safety in the hands of -God-, to dressing in polyester shirts, Kejriwal has rejected the symbols of privilege enjoyed by a tiny minority of judges, civil servants and politicians in this city of 16 million people.

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India Today

What happens when NaMo & RaGa decide to spy on Kejriwal ‪#‎SoSorry‬http://ow.ly/sn7Q5

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